वो 5 सुपरस्टार, जिनके बेटे निकले महाफ्लॉप, डुबोया पिता का नाम, मेकर्स हो गए कंगाल, छोड़ी बॉलीवुड इंडस्ट्री – Kumar gaurav tushar kapoor kunal goswami 5 bollywood of mega star fathers super flop sons acting career ended left industry disappointingly
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Mega star father Super flop son : बॉलीवुड में कई एक्टर्स ऐसे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, काबिलियत, लगन की दम पर अपना मुकाम हासिल किया. कई हिट-सुपरहिट फिल्में देकर सुपरस्टार का स्टेटस हासिल किया. समय के साथ अपना स्टारडम लंबे समय तक बचाकर रखा. 70, 80 के दशक के बॉलीवुड सुपरस्टर्स के बेटे भी फिल्म लाइन में आए लेकिन पिता जैसा स्टारडम तो दूर अच्छे एक्टर भी नहीं बन पाए. पिता का नाम डुबोया और मेकर्स को कंगाल कर गए. आइये ऐसे ही पांच महाफ्लॉप एक्टर्स पर एक नजर डालते हैं, जिनके पिता सुपरस्टार्स थे…
सफलता हर किसी के नसीब में नहीं होती. बॉलीवुड में तो सफलता कब असफलता में बदल जाए कोई नहीं जानता. कई ऐसे उदाहरण हैं जिनमें कोई एक्टर रातोंरात स्टार बना लेकिन फिर फिल्में नहीं चलीं. कई बॉलीवुड सुपरस्टार्स के साथ भी ऐसा ही हुआ और बेटों का करियर लाख कोशिशों के बावजूद भी वो संवार नहीं आए. इन सुपरस्टार्स में राजकुमार से लेकर जीतेंद्र के नाम शामिल हैं.
सबसे पहले बात करते हैं बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार देवानंद की. देवानंद की डांसिंग स्टाइल, चार्मिंग पर्सनैलिटी के करोड़ों लोग दीवाने थे. उनका करियर छह दशक तक चला. उन्हें बॉलीवुड का पहला कूल स्टार माना जाता है. उनकी आधुनिकता उनकी फिल्मों में झलकती थी. गाइड, ज्वैलथीफ जैसी आइकोनिक फिल्म बनाने वाले देवानंद ने कल्पना कार्तिक से शादी की थी. उनके बेटे सुनील आनंद ने भी बॉलीवुड में अपना करियर बनाया लेकिन अपने पिता के जैसा स्टारडम हासिल नहीं कर सके.
सुनील आनंद ने पिता के साथ 1984 में ‘आनंद और आनंद’ से बॉलीवुड में करियर शुरू किया था. यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही. सुनील आनंद ने बतौर हीरो विजयता पंडित के साथ ‘कार थीफ’ के साथ काम किया, यह फिल्म भी बुरी तरह फ्लॉप रही. फिर चाचा विजय आनंद के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मैं तेरे लिए’ के जरिये एक बार फिर से फिल्मों में वाप्सी की कोशिश की लेकिन यह प्रयास भी असफल रहा. इस तरह से तीन-चार फिल्मों में ही सुनील आनंद का करियर सिमट गया.
बॉलीवुड सुपरस्टार राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव ने 1981 में ‘लव स्टोरी’ फिल्म से बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री ली थी. पहली ही फिल्म से वो रातोंरात स्टार बन गए. विजयता पंडित के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. इस फिल्म की सफलता ही उनके लिए अभिशाप बन गई. इसके बाद कुमार गौरव की कोई भी फिल्म सफल बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली. 1986 में आई फिल्म ‘नाम’ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही लेकिन इसका क्रेडिट संजय दत्त के खाते में गया.
लगातार फिल्में फ्लॉप होने के बाद कुमार गौरव ने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया. कुमार गौरव की शादी सुनील दत्त की बेटी नम्रता दत्त से हुई है. यह शादी 1984 में हुई थी. विजयता पंडित ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया था कुमार गौरव ने उनकी मां से शादी का वादा किया था. कसम खाई थी. उनके पिता राजेंद्र कुमार इस रिश्ते के खिलाफ थे. दोनों की लव स्टोरी फिल्म में काम करने के दौरान प्यार हो गया था. राजेंद्र कुमार ने कुमार गौरव की सगाई राज कपूर के बेटी रीमा से करवाई थी लेकिन रिश्ता टूट गया. विजयता के मुताबिक, राजेंद्र कुमार ही कुमार गौरव के फ्लॉप करियर के लिए जिम्मेदार हैं. आज कुमार गौरव एक सफल व्यवसायी हैं. मालदीव में अपना कंस्ट्रक्शन का बिजनेस चलाते हैं.
इस लिस्ट में एक नाम मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी का भी शामिल है. कुणाल ने श्रीदेवी के साथ 1983 में ‘कलाकार’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था लेकिन उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही. उन्होंने ‘घुंघरू’ समेत अन्य सभी फिल्में में काम किया लेकिन सभी मूवी फ्लॉप साबित हुईं. फिल्मों में सफलता न मिलने पर उन्होंने बॉलीवुड से नाता तोड़ लिया और दिल्ली में कैटरिंग का बिजनेस शुरू किया.
70-80 के दशक में कई हिट और सुपरहिट फिल्में देने वाले और अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीतने वाले सुपरस्टार जीतेंद्र के साथ नसीब ने कुछ ऐसा ही खेल खेला. उनकी बेटी एकता कपूर जहां ‘टीवी की दुनिया की क्वीन’ कहलाती हैं, वहीं बेटे तुषार कपूर का करियर कुछ ही फिल्मों के बाद सिमट गया. तुषार कपूर ने 2001 में फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से करीना कपूर के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था. बेस्ट मेल डेब्यू एक्टर का अवॉर्ड भी मिला लेकिन फिर भी फिल्मों में किस्मत नहीं चमकी. तुषार ने 23 साल में 19 फ्लॉप फिल्में दीं.