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डायरेक्टर ने गाना सुनते ही गीतकार को लगाया गले से, उसी सॉन्ग पर बनाई फिल्म, मेजर हिट निकली मूवी – when director Mahesh bhatt cuddled lyricist Faiz Anwar tightly to listen dil hai ke manta nahin song made film aamir khan pooja bhatt earn rs 6 crore

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Dil Hai Ke Manta Nahin Movie Story : बॉलीवुड में 90 के दशक भारतीय सिनेमा के लिए गोल्डन पीरियड कहा जा सकता है. इस दौर में फिल्मों का गीत-संगीत इतना कर्णप्रिय, इतना मंत्रमुग्ध करने वाला रहा कि आज भी वो गाने दिल में बसे हैं. 34 साल पहले बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर की पहचान यूपी कानपुर के एक नौजवान गीतकार से हुई. महेश भट्ट उस दिनों ‘आशिकी’ के गाने फाइनल कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक धुन नए-नवेले गीतकार फैज अनवर को दी. आधे घंटे में फैज ने ऐसा गीत लिखा, जिसे सुनते ही फैज को गले लगा लिया. महेश भट्ट इस गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलग से फिल्म ही बनाई. यह फिल्म सुपरहिट निकली. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा…….

Dil Hai Ke Manta Nahin Movie Story : बॉलीवुड में 90 के दशक भारतीय सिनेमा के लिए गोल्डन पीरियड कहा जा सकता है. इस दौर में फिल्मों का गीत-संगीत इतना कर्णप्रिय, इतना मंत्रमुग्ध करने वाला रहा कि आज भी वो गाने दिल में बसे हैं. 34 साल पहले बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर की पहचान यूपी कानपुर के एक नौजवान गीतकार से हुई. महेश भट्ट उस दिनों 'आशिकी' के गाने फाइनल कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक धुन नए-नवेले गीतकार फैज अनवर को दी. आधे घंटे में फैज ने ऐसा गीत लिखा, जिसे सुनते ही फैज को गले लगा लिया. महेश भट्ट इस गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलग से फिल्म ही बनाई. यह फिल्म सुपरहिट निकली. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा.......

90 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों की कहानी-गाने-रोमांस इतने पॉप्युलर हुए कि दशकों बाद भी लोग उन्हें गुनगुनाते हैं. कॉलेज-स्कूल के फंक्शन में, या फिर दिल के जज्बात बयां करने के लिए इन गानों का सहारा लेते हैं. 12 जुलाई 1991 को ऐसी ही दिल को छू लेने वाली फिल्म आई थी. आमिर खान और पूजा भट्ट लीड रोल में थे. इस फिल्म के गाने बॉलीवुड प्रेमियों के जेहन में बसे हुए हैं. हालांकि यह इस जोड़ी की आखिरी फिल्म भी साबित हुई थी. आमिर खान ने पूजा के साथ फिर भी काम नहीं किया. बात हो रही है ‘दिल है के मानता नहीं’ की.

Dil Hai Ke Manta Nahin Movie Story : बॉलीवुड में 90 के दशक भारतीय सिनेमा के लिए गोल्डन पीरियड कहा जा सकता है. इस दौर में फिल्मों का गीत-संगीत इतना कर्णप्रिय, इतना मंत्रमुग्ध करने वाला रहा कि आज भी वो गाने दिल में बसे हैं. 34 साल पहले बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर की पहचान यूपी कानपुर के एक नौजवान गीतकार से हुई. महेश भट्ट उस दिनों 'आशिकी' के गाने फाइनल कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक धुन नए-नवेले गीतकार फैज अनवर को दी. आधे घंटे में फैज ने ऐसा गीत लिखा, जिसे सुनते ही फैज को गले लगा लिया. महेश भट्ट इस गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलग से फिल्म ही बनाई. यह फिल्म सुपरहिट निकली. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा.......

‘दिल है के मानता नहीं’ रोमाटिंक कॉमेडी फिल्म थी. महेश भट्ट ने ही फिल्म को डायरेक्ट किया था. आमिर खान और पूजा भट्ट की सिजलिंग केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. इस फिल्म के गाने ‘दिल है के मानता नहीं’, ‘अदाएं भी हैं’ और ‘मैनु इश्क दा लगिया रोग’ को भी आज भी लोग गुनगुनाते हैं.

Dil Hai Ke Manta Nahin Movie Story : बॉलीवुड में 90 के दशक भारतीय सिनेमा के लिए गोल्डन पीरियड कहा जा सकता है. इस दौर में फिल्मों का गीत-संगीत इतना कर्णप्रिय, इतना मंत्रमुग्ध करने वाला रहा कि आज भी वो गाने दिल में बसे हैं. 34 साल पहले बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर की पहचान यूपी कानपुर के एक नौजवान गीतकार से हुई. महेश भट्ट उस दिनों 'आशिकी' के गाने फाइनल कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक धुन नए-नवेले गीतकार फैज अनवर को दी. आधे घंटे में फैज ने ऐसा गीत लिखा, जिसे सुनते ही फैज को गले लगा लिया. महेश भट्ट इस गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलग से फिल्म ही बनाई. यह फिल्म सुपरहिट निकली. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा.......

इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग यूपी कानपुर के रहने वाले गीतकार फैज अनवर ने लिखा था. इस फिल्म के बनाए जाने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. फैज अनवर ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था. उन्होंने बताया था, ‘रूप कुमार राठौर ने मेरी मुलाकात महेश भट्ट से करवाई थी. उस समय भट्ट साहब नदीम-श्रवण के साथ ‘आशिकी’ फिल्म पर काम कर रहे थे. म्यूजिक रिकॉर्ड हो रहा था. आशिकी फिल्म का एक गाना बचा था. धुन तैयार थी लेकिन सॉन्ग राइटर उस पर गाना नहीं लिख पा रहा था. जैसे ही मैं उनसे मिलने पहुंचा तो भट्ट साहब ने कहा कि मियां! आज वक्त आ गया है, आपको अपने आप को साबित करना होगा. ये वॉकमैन ले, इसके अंदर एक कैसेट है, धुन सुनकर गाना लिख दीजिए. फ्लैट के ऊपर बने कमरे में जाओ और आराम से भजिया खाते हुए गाना लिख दो. मैंने 35 मिनट में गाना लिख दिया.’

Dil Hai Ke Manta Nahin Movie Story : बॉलीवुड में 90 के दशक भारतीय सिनेमा के लिए गोल्डन पीरियड कहा जा सकता है. इस दौर में फिल्मों का गीत-संगीत इतना कर्णप्रिय, इतना मंत्रमुग्ध करने वाला रहा कि आज भी वो गाने दिल में बसे हैं. 34 साल पहले बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर की पहचान यूपी कानपुर के एक नौजवान गीतकार से हुई. महेश भट्ट उस दिनों 'आशिकी' के गाने फाइनल कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक धुन नए-नवेले गीतकार फैज अनवर को दी. आधे घंटे में फैज ने ऐसा गीत लिखा, जिसे सुनते ही फैज को गले लगा लिया. महेश भट्ट इस गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलग से फिल्म ही बनाई. यह फिल्म सुपरहिट निकली. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा.......

फैज अनवर ने आगे बताया, ‘आधा घंटे बाद मैं ऊपरे माले से नीचे आया. एक पेपर में गाने का मुखड़ा था, तो दूसरे में दो अंतरे लिखे थे. भट्ट साहब ने मुझे देखते ही कहा कि कहां जा रहे हो. मैंने कहा कि थोड़ा सा बाहर घूमकर आता हूं. भट्ट साहब ने कहा कि दिल जलाओ, या कुछ भी करो, लेकिन गाना मुझे चाहिए. मैंने जवाब देते हुए कहा कि गाना तो हो गया है. वो हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि गाना कहां है? मैंने जवाब दिया कि गाना मेरे पास है. मैंने पेपर निकाला और नदीम को दिया. उस पर गाना लिखा हुआ था. उन्होंने नदीम से कहा कि गाकार सुनाइये. नदीम ने गाना गाकर सुनाया. गाना था : ‘दिल है के मानता नहीं, मुश्किल बड़ी है रस्म-ए-मुहब्बत, ये जानता ही नहीं…ये बेकरारी क्यों हो रही है, ये जानता ही नहीं…’. गाने की लाइन सुनते ही भट्ट् साहब ने मुझे गले से लगा लिया.’

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फैज अनवर ने बताते हैं, ‘भट्ट साहब ने मेरी मुलाकात टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से करवाई. मेरी बहुत तारीफ की. कहा कि इस बच्चे को साइन कर लो. इसने जो गाना दिया वो आइकॉनिक है. हालांकि वहां पर नदीम ने ‘आओ के प्यार हम करें..’ सुनाया, जो कि फाइनल हो चुका था, मजबूरी में दिया था. हालांकि भट्ट साहब इससे खुश नहीं थे. भट्ट् साहब ने कहा कि ‘दिल है के मानता नहीं’हम अपनी अगली फिल्म में डाल देंगे. दरअसल दूसरी फिल्म पर भी काम चल रहा था. इस तरह से ‘दिल है के मानता’ नहीं का टाइटल सॉन्ग बना और पूरी की पूरी फिल्म भी बनी. तत्काल फिल्म का टाइटल रजिस्टर करवाया. फिर उन्होंने गाने को और अंतरे लिखने के लिए कहा.’

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‘दिल है कि मानता नहीं’ फिल्म की कहानी महेश भट्ट, उनके सौतेले भाई रॉबिन भट्ट और शरद जोशी ने लिखी थी. फिल्म में म्यूजिक नदीम-श्रवण का था और 56 मिनट के 11 गाने मूवी में रखे गए थे. फिल्म का म्यूजिक बलॉकबस्टर रहा था. फिल्म का बजट करीब 2 करोड़ रुपये था. इसने वर्ल्डवाइड 6 करोड़ का कलेक्शन किया था. इस फिल्म में आमिर खान ने जो टोपी लगाई थी, उसकी डिमांड काफी बढ़ गई थी.

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आमिर खान और पूजा भट्ट की साथ में यह पहली फिल्म थी. दोनों सेट पर मजाकिया अंदाज में टॉम एंडी जेरी की तरह लड़ते रहते थे. हालांकि जैसे-जैसे फिल्म की शूटिंग पूरी हुई आमिर को पूजा से दिक्कत होने लगी. फिल्म हिट होने के बाद भी आमिर ने पूजा के साथ फिर कभी काम नहीं किया.

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फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पूजा भट्ट को गाने के बोल के हिसाब से लिप सिंग नहीं कर पा रही थी. इस बात को लेकर उनके पिता महेश भट्ट ने काफी डांट लगाई थी. महेश भट्ट को उन्हें फिल्म से बाहर कर देने की धमकी दे डाली थी. हालांकि बाद में उन्होंने सही लिप सिंग करना सीख लिया.

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