जब नदीम-श्रवण ने डायरेक्टर को गाने देने से किया इनकार, रख दी अनोखी शर्त, सुपरहिट निकली मूवी – When Nadeem Shravan force Director raj kanwar to mimicry Rishi Kapoor before music divya bharti shahrukh khan Deewana movie know reason behind it
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Nadeem Shravan Hit Songs : 90 के दशक में नदीम-श्रवण ऐसे म्यूजिक डायरेक्टर थे, जिन्हें हर प्रोड्यूसर अपनी फिल्म में लेना चाहता था. संगीतकार नदीम सैफी म्यूजिक चलने की गारंटी प्रोड्यूसर को दिया करते थे. 1992 में डायरेक्टर राज कंवार जब फिल्म के म्यूजिक के सिलसिले में नदीम-श्रवण से मिले तो उन्होंने ऋषि कपूर की मिमिक्री करवाई थी. मिमिक्री के बाद ही म्यूजिक दिया था. गीतकार समीर ने दिलचस्प किस्सा शेयर किया था. आइये जानते हैं कि इसके पीछे की दिलचस्प वजह…

90 के दशक में रोमांटिक ड्रामा फिल्मों का दौर था. इसी दौरान 26 जून 1992 को एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई जिसमें एक नया नवेला एक्टर बॉलीवुड के सदाबहार हीरो ऋषि कपूर के सामने था. इस नए नवेले एक्टर ने अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया. यही नया एक्टर आगे चलकर बॉलीवुड का सुपरस्टार बना. अपनी मेहनत-लगन से अपने नाम को ब्रॉन्ड बनाया. आज बॉलीवुड पर इसी सुपरस्टार का कब्जा है. बात हो रही है बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान की. शाहरुख ने 1992 में ‘दीवाना’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. फिल्म का डायरेक्शन राज कंवर ने किया था. नदीम-श्रवण ने राज कंवर से ऋषि कपूर की मिमिक्री करवाई थी.

गीतकार समीर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘नदीम ने राज कंवर से कहा था कि यह फिल्म से भाग्य मेरे पास आई है. मेरे दिल में ऋषि कपूर के लिए बहुत इज्जत है. मैं उनका बहुत फैन हूं. मैं आपको इस पिक्चर में ऐसे गाने दूंगा कि आप भी हमेशा याद रखेंगे. राज कंवर सिटिंग पर आए. तब नदीम ने उनसे कहा था कि मैं आपके साथ सिटिंग नहीं करूंगा. आप पहले ऋषि कपूर की मिमिक्री करके दिखाइए, तभी आपको हिट गाने दूंगा. और वो बेचारे ऋषि कपूर की तरह एक्टिंग करते थे. फिर नदीम ने खुश होकर अपने म्यूजिक बैंक से धुनें निकालीं और कहानी के हिसाब से गाने दिए. पहले सभी गाने ऋषि कपूर के ही रिकॉर्ड हो रहे थे.’

किस्से को आगे बढ़ाते हुए गीतकार समीर अंजान ने बताया, ”दीवाना’ की सिटिंग में शाहरुख खान भी बीच में आते रहते थे. जब उन्होंने देखा कि सभी अच्छे गाने ऋषि कपूर के खाते में जा रहे हैं तो वो बोलते थे कि ‘नदीम भाई मेरी तरफ भी नजरें इनायत कर लीजिए. ऋषि कपूर तो महान एक्टर हैं ही लेकिन मेरे करियर का सवाल है. कुछ गाने मुझे भी दीजिए.’

नदीम को शाहरुख खान का अंदाज पसंद आया और लगा कि मेहनती लड़का है. म्यूजिक के लिए इतना डैडिकेटेड है. फिर दो गाने उनको दिए गए. नदीम को लगा कि शाहरुख खान के लिए कुछ करना है. ‘कोई ना कोई चाहिए, प्यार करने वाला’ शाहरुख का इंट्रोड्क्शन सॉन्ग था. इसमें उसका बिंदास रंग सामने आया. फिर ‘ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं’ गाना भी उसी के लिए लिखा गया.

समीर आगे बताते हैं, ‘हर गाने की पीछे कोई ना कोई कहानी होती है. कॉमन आदमी को तो पता नहीं होता. गाने सुन लेता है और उसको या तो अच्छा लगता है या बुरा लगता है. वो रिएक्ट करके चला जाता है. उसको पता नहीं होता कि इस गाने को लिखते, बनाते समय क्या-क्या हुआ. कैसे यह गाना बना. जब नदीम ने थिएटर पर जाकर पिक्चर देखी और शाहरुख की एक्टिंग देखी तो कहा कि यह बड़ा स्टार बनेगा. इस लड़के में कुछ बात है. उसकी आंखों में जादू था. चेहरे पर कुछ कर गुजरने की चाहत थी वो नजर आता था.’

दीवाना फिल्म के तीन प्रोड्यूसर्स में से एक गुड्डू धनोआ ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘यह फिल्म बहुत मुश्किल से बनी थी. शाहरुख खान ने फिल्म की कहानी सुनने के लिए मुझे और राजकंवर को दिल्ली बुलाया था. एक रेस्टोरेंट में मुलाकात हुई थी. शाहरुख खान उस समय 5 फिल्मों की शूटिंग में बिजी थे. दूसरी मीटिंग उनके दिल्ली वाले घर में हुई थी. तब 11 हजार रुपये साइनिंग अमाउंट हमने उन्हें दिया था.’ गुड्डू धनोआ लीजेंडरी एक्टर धम्रेंद्र के बुआ के लड़के हैं. दोनों के बीच भाई का रिश्ता है.

दीवाना शाहरुख खान की पहली रिलीज्ड मूवी है. हालांकि उन्होंने हेमा मालिनी के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘दिल आशिना है’ के लिए शूटिंग सबसे पहले शुरू की थी. यह फिल्म समय पर रिलीज नहीं हो पाई और दीवाना उनकी पहली फिल्म बन गई. दीवाना के लिए दिव्या भारती को फेस ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला था. बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड नदीम-श्रवण की झोली में गया था.

फिल्म के 46 मिनट की लेंग्थ के कुल 8 गाने रखे गए थे. सभी गाने सुपरहिट थे. फिल्म के कुछ गाने ‘सोचेंगे तुम्हें प्यार करें कि नहीं, ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं, तेरी उम्मीद तेरा इंतजार करते हैं, पायलिया हो हो, तेरी इस अदा इस पे सनम और तेरे दर्द से दिल आबाद रहा…’ थे. शाहरुख खान का पहला डेब्यू बाइक सॉन्ग ‘कोई ना कोई चाहिए, प्यार करने वाला’ बहुत मकबूल हुआ था. नदीम-श्रवण और कुमार सानू की जोड़ी ने लगातार तीसरी बार फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता था. 1990 में आशिक्री, 1991 में साजन और 1992 में दीवाना फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता था.

दीवाना एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. गुड्डू धनोआ ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें इस फिल्म से 80 लाख का प्रोफिट मिला था. दीवाना 1992 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दूसरी फिल्म थी.